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दिलीप जोशी यानी Jethalal Ka Ghar Kaha Hai जीवनी, उम्र

By Dinesh Bajaj

Published On:

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Jethalal Ka Ghar Kaha Hai : दोस्तों तारक मेहता का उल्टा चश्मा ने टी वि की दुनिया में अपनी एक अलग ही पहचान बनाई है। शोक का हर एक किरदार आज किसी पहचान का मोहताज नहीं है। टी आर पी की लिस्ट में भी तारक मेहता का उल्टा चश्मा शो हमेशा नंबर वॅन पर रहता है क्योंकि कहानी जेठालाल की इर्द गिर्द ही घूमती है। छोटे पर्दे पर जेठालाल का किरदार निभाने वाले एक्टर दिलीप जोशी असल जिंदगी में बह दी लक्ज़री लाइफ जीते हैं। शो में ऑटो से चलने वाले जेठालाल रियल लाइफ में महंगी महंगी कारों के शौकीन हैं।

Profile

दोस्तों इनका रियल नेम दिलीप जोशी है और निक नाम जेठालाल है। दिलीप जोशी प्रोफेशनल से एक ऐक्टर है। अगर बात करें इनके फेमस रोल की तो आप सभी को बता दें कि ये तारक मेहता का उल्टा चश्मा में जेठालाल का किरदार निभाते हैं जो कि इनके करियर का सबसे फेमस रोल रहा।

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Height , wait , Age

दिलीप जोशी की हैट है फाइव फिट फाइव इंच और इनका वेइट है 80 के जी। अगर बात करें इनकी बॉडी मेजरमेंट की तो इनकी चेस्ट है। 42 इंचेस वेस्ट है, 36 इंचेस और 22 एप सेट 12 इंचेस दोस्तों दिलीप जोशी का जन्म 26 मई 1968 को गोसा विलेज, पोरबंदर गुजरात में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ। स्कूलिंग डेज़ में उन्हें एक बार प्ले करने का मौका मिला और 12 साल की उम्र में उन्होंने पहली बार अक्टिंग की थी। [Jethalal Ka Ghar Kaha Hai]

तभी से उन्हें अक्टिंग का ऐसा चस्का लगा कि वो एक ऐक्टर बनने की राह पर चल पड़े, लेकिन फैम्ली का दबाव होने के कारण दिलीप जोशी को लगने लगा कि उन्हें एजुकेशन तो कंप्लीट करनी पड़ेगी। इसके बाद इन्होंने अपनी स्कूलिंग कंप्लीट की और मुंबई के नरसिम्न जी कॉलेज ऑफ़ कॉमर्स एंड इकोनॉमिक्स में अडमिशन लिया और कॉलेज टाइम से वो कॉलेज के साथ अक्टिंग भी किया करते थे।

जेठालाल ने पढ़ाई क्यों नहीं की

कॉलेज डेज़ के दौरान दिलीप जोशी ने अपनी कॉलेज को कई कॉम्पिटिशन में रिप्रेसेंट किया करते थे। इसी वजह से उन्हें कभी भी पढ़ाई करने का मौका नहीं मिल पाया और जब एग्ज़ैम हुए और रिसाल्ट आया तो वो वहाँ पर लोगे। दिलीप जोशी ने ये बात जब अपने पिता को बताई तब उनके पिता ने दिलीप जोशी को कुछ भी नहीं कहा क्योंकि उनके पिता को कहीं ना कहीं पता चल गया था कि दिलीप का इन्ट्रेस्ट अक्टिंग में ज्यादा है और वह एक ऐक्टर ही बनना चाहता है और उस टाइम के बाद दिलीप जोशी के पिता ने उन्हें खूब सपोर्ट किया।

दिलीप जोशी को अपनी फैम्ली का तो सपोर्ट मिल गया था, लेकिन अक्टिंग की दुनिया में उन्हें सिर्फ अपना सपोर्ट था और उन्हें अपने टैलेंट पर भरोसा था।

अब बात करते हैं दिलीप जोशी के करियर की।

दोस्तों दिलीप जोशी ने अपने करियर की शुरुआत भी वही से की थी, जहाँ से ज्यादातर ऐक्टर्स शुरुआत करते हैं। जी हमें बात कर रहा हूँ मुंबई के पार्थिव थिएटर की। इसके बाद दिलीप जोशी पार्थवी थिएटर के कई शो का हिस्सा बने रहे और फ़िल्म इंडस्ट्री में भी अपना एक ग्रुप बना लिया। इन्होंने कई गुजराती प्लेस में काम किया और कई गुजराती फिल्मों में कई रोल किए। इसके बाद इन्होंने सलमान खान की फ़िल्म मैंने प्यार किया। मैं एक छोटे से किरदार से बॉलीवुड में एंट्री की लेकिन ये किरदार इतना छोटा था कि लोगों ने इसे बिल्कुल भी नोटिस नहीं किया।

इस फ़िल्म के बाद दिलीप जोशी ने कई और फिल्मों में ट्राई किया, जिसमें एक फ़िल्म थी हम है बेमिसाल। इसमें उन्होंने छोटा सा रोल किया था, लेकिन उस रोल से भी दिलीप जोशी को कोई फायदा नहीं हुआ। धीरे धीरे टाइम बीतता गया और करीब 3 साल तक का टाइम निकल गया। लेकिन उन्हें अपने आप पर पूरा कॉन्फिडेंस था और इसी कॉन्फिडेंस की वजह से उन्हें फिर से सलमान खान की फ़िल्म हम आपके हैं कौन में एक छोटा सा रोल मिला, जो रोल था भोला प्रसाद जी का दोस्तों ये रोल तो छोटा था लेकिन ये फ़िल्म बड़ी थी जिसने कई बड़ी बड़ी फिल्मों के बॉक्स ऑफिस रिकॉर्ड तोड़ दिए थे।

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लेकिन दिलीप जोशी की किस्मत

ज्यादा खराब थी की ये रोल भी लोगों ने बिल्कुल नोटिस नहीं किया। बॉलीवुड की दो ब्लॉकबस्टर फिल्मों का हिस्सा रहने के बावजूद भी दिलीप जोशी को काम मांगने के लिए इधर उधर भटकना पड़ता था। उसके बाद थक हार कर दिलीप जोशी ने अपना रुख टी वि इंडस्ट्री की ओर किया, जहाँ पर कई ऑडिशन देने के बाद उन्हें 19195 में उन्हें सीरियल मिला जिसका नाम था कभी ये कभी वो। इसके बाद इन्होंने क्या बात है? सीरियल में रंगा स्वामी का किरदार निभाया जो लोगों द्वारा काफी पसंद किया गया।[Jethalal Ka Ghar Kaha Hai]

दिलीप जोशी को टी वि इंडस्ट्री में धीरे धीरे काम मिलने लगा और साल 19 नाइन में इन्होंने ये दुनिया हर रंगीनस या इसके बाद शुभ मंगल सावधान शो किया जो भी काफी प्रसिद्ध रहा। टी वि सीरियल के अलावा दिलीप जोशी कई और फिल्मों का हिस्सा रहे जैसे कि खिलाड़ी 420 फिर भी दिला हिंदुस्तानी और हमरा जैसी फिल्मों की इन्हे फिल्मों और टी वि सीरियल दोनों में लगातार काम मिल रहा था और ये साल 1989 से लेकर टू थाउज़न्ड फाइव तक कई फिल्मों और कई टी वि सीरियल का हिस्सा रहे।

लेकिन उन्हें आज भी वो नाम हासिल नहीं हुआ जिसकी वो हक़दार थे और साल टू थाउज़न्ड सिक्स में तो वो अपने करियर के सबसे लो फेस में आ चूके थे जब उन्हें कोई भी काम देने के लिए तैयार नहीं था।

जेठालाल की किस्मत कासा बदली

उन्हें टाइम ऐफ़ आई आर जैसे सीरियल मिले जिसमें वो कैरेक्टर रोल किया करते थे। यानी कि जब आपकी जरूरत होगी तो आपको बुला लेंगे वरना आप घर पर बैठो। करीब 2 साल तक दिलीप जोशी को कोई भी काम नहीं मिला और वो बेरोजगार होकर घर पर बैठ गए। लेकिन दोस्तों बुरा टाइम थोड़े दिनों के लिए ही आता है। ऐसा ही कुछ हुआ दिलीप जोशी के साथ, जब आसित कुमार मोदी एक शो बना रहे थे, [Jethalal Ka Ghar Kaha Hai]

जिसका नाम था तारक मेहता का उल्टा चश्मा और उस वक्त एक रोल के लिए आशिक कुमार मोदी को अपने दोस्त दिलीप जोशी याद आए क्योंकि दिलीप जोशी और आशिक कुमार मोदी जिन्होंने पहले भी साल 19 नाइन में ये दुनिया रंगीन सीरियल में साथ काम किया था। दोस्तों, आपको जानकर हैरानी होगी की जेठालाल के किरदार के रूप में लोगों के दिलों पर राज़ करने वाले दिलीप जोशी को सबसे पहले चंपकलाल जयंतीलाल गढ़ा का रोल ऑफर हुआ था। अब आप ही कमेंट सेक्शन में कमेंट करके बताइए की दिलीप जोशी चमकलाल के किरदार के रूप में कैसे लगते?

दिलीप जोशी को जेठालाल का रोल कैसा मिला

दिलीप जोशी और आसिफ कुमार मोदी दोनों अच्छे दोस्त थे, जिसकी वजह से दिलीप जोशी ने बताया की वो पिता यानी की चमक लाल के किरदार से ज्यादा हैं। एक बेटे यानी की जेठालाल के किरदार में ज्यादा अच्छेअक्टिंग लगेंगे। इस वजह से आसिफ मोदी ने भी जेठालाल का किरदार दिलीप जोशी जीसको बखूबी दिलीप जोशी ने निभाया भी। दोस्तों तारक मेहता का उल्टा चश्मा सीरियल जब्त आने लगा तो इस सीरियल को लोगों ने बहुत प्यार किया जिसकी वजह से आज भी एस यु 12 सालों से लगातार चल रहा है।

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The findings were a part of the "Generative AI in the Asia Pacific: Young Employees Lead as Employers Play Catch-Up" report, based on a survey of 11,900 individuals across 13 countries in the region. It also noted that over the next five years, an increase of a whopping 182 per cent is anticipated in the daily usage of GenAI.